आनंद मदिरासन क्या है
इस आसन की स्थिति में अधिक समय तक रहने पर अभ्यासी की मन:स्थिति इतनी अंदर आनंद पूर्ण हो जाती है जैसे कि उसने देवी सोमरस का पान कर लिया हो उसका मन आनंद की लहर से भर जाता है अतः इस आसन को आनंद मदिरासन की संज्ञा दी जाती है
रोग ,निदान और लाभ
• इस आसन को करने से अकथनीय मानसिक आनंद की सुखानुभूति होती है
• सभी चिंताओं से छुटकारा भी मिलता है
• थका हुआ शरीर व मन स्फूर्ति पाता है
• मन हमेशा प्रसन्न रहता है
• आध्यात्मिक साधना ध्यान मानसिक शांति आदि को प्राप्त करने के लिए इस आसन को सर्वश्रेष्ठ आसन बताया है
आनंद मदिरासन करने का तरीका
वज्रासन की स्थिति में पैर के तलवों का आसन बना कर बैठ जाइए अब अपने दोनों हाथों को दोनों भुजाओं से सट्टाते हुए निचे लाकर हथेलियों को नित्तम्बो के निचे पैर के तलवो के ऊपर घुमाते हुए शरीर को जकड़ सा लीजिए मेरुदंड सीधा परंतु तनावरहित ही रहना चाहिए आध्यात्मिक साधना, ध्यान मानसिक शांति आदि प्राप्त करने के लिए इस आसन को सिद्ध या हाथ की उंगलियों में रक्त संचरण की कमी से सुन्नता या झुनझुनी सी आने लगे तो आसन को कुछ देर के लिए बंद कर देना चाहिए
आनंद मदिरासन क्या है| रोग ,निदान और लाभ-Hindi
Reviewed by Arvind
on
14 September
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