उत्थित पद्मासन क्या है ?
उत्थित पद्मासन दो शब्द मिलकर बना है उत्थित और पद्मासन। उत्थित का मतलब होता है उठा हुआ। इसका अर्थ यह हुआ कि वैसा आसान जिसमें ऊपर उठे रहकर पद्मासन किया जाता है। उत्थित पद्मासन एक बैलेंसिंग योगाभ्यास है जिसमें शरीर का सन्तुलन में रहना अति आवश्यक है। इसे लोलासन भी कहते हैं क्योंकि इस आसान के संतुलन के बाद आप अपने शरीर को आगे पीछे झुला सकते हैं।
उत्थित पद्मासन का समय -
आप लोग इस आसन को रोजाना तीन से चार बार कर सकते हैं
उत्थित पद्मासन की विधि
उत्थित पद्मासन को कैसे किया जाए यहां पर हम आपको इसे बहुत सरल तरीके बताने जा रहे हैं।
सबसे पहले आप पद्मासन में बैठ जाएं।पद्मासन के लिए आप अपनी बायें एड़ियाँ दाएं पैर की जांघ पर और दाएं पैर एड़ियाँ बाएं पेअर की जाँघ पर रखें।
अब आप दोनों हाथों को शरीर के निकट जमीन पर रख लें।
ध्यान रहे आपके हाथ आपके जांघ के बगल में हो।
सांस लेते हुए और शरीर का भार हाथों पर लेते हुए शरीर को जमीन से ऊपर उठाएं। आप शरीर को ज़मीन से जितना ज़्यदा उठाते हैं आपको उतना ही ज़्यदा लाभ मिलता है।
जहाँ तक संभव हो सके इसी मुद्रा को बनाए रखें।
मुद्रा के दौरान सांस लें और सांस छोड़े।
लंबी गहरी सांस छोड़ते हुए शरीर को जमीन पर लाएं।
आसान को सही रूप में बनाए रखने के लिए आपका ध्यान आपके सासों पर होनी चाहिए।
यह एक बार हुआ। इस तरह से 5 से 7 बार कर सकते हैं।
साथ ही साथ ध्यान रखें इस योगाभ्यास दौरान आपकी गर्दन तथा सिर सीधा रहे।
उत्थित पद्मासन के रोग, निदान और लाभ
अब हम आपको उत्थित पद्मासन के कुछ महत्वपूर्ण फायदे के बारे में बताएँगे। इस आसान का नियमित अभ्यास करने से शरीर में संतुलन करने की क्षमता बढ़ जाती है।
उत्थित पद्मासन आपके हाथों, कंधों तथा छाती को मजबूत बनाता है
इससे हाथों, कंधों तथा छाती में रक्त का अच्छी तरह से प्रवाह होने लगता है।
हाथों का सुन्न होना, अकड़ना आदि जैसी समसयाओं से आपको महफूज रखता है।
आपके रीढ़ के हड्डी की ऊपरी छोर को मजबूत बनाता है।
पेशियों की कमजोरी दूर करने में यह आसन बहुत ही लाभदायक है।
यह हृदय एवं फेफड़ों को स्वस्थ एवं पुष्ट करता है।
बांहों के ऊपरी भागों के विकास में यह सहायक है।
आपके कलाई और कोहनी को मजबूत बनाता है।
आंतों की कमजोरी को दूर करता है।
अगर आप कब्ज से परेशान हैं तो आसान के अभ्यास से आपको फायदा पहुंचेगा।
उँगलियों को मजबूत बनाता है।
जिन महिलाओं को सेक्सुअल प्रॉब्लेम्स हो उन्हें यह आसान करने से फायदा मिलता है।
स्नायु (नस) की कमजोरी को कम करने के लिए यह एक उम्दा योगाभयास है।
किडनी के प्रोब्लेम्स के लिए भी अच्छा योगाभ्यास है।
उत्थित पद्मासन की सावधानियां
ध्यान रहे इस आसान के करते समय पैरों की पालथी नहीं खुलनी चाहिए।
इस आसान का अभ्यास करते समय संतुलन का होना बहुत जरूरी है।
हाथ में दर्द होने पर इसे करने से बचे।
कंधे में दर्द होने पर इस आसान को चाहिए।
अगर आपको घुटने में दर्द हो तो इसको बिल्कुल मत करें।
योग को अपने जीवन में अपनाकर मनुष्य अलौकिक शक्तियों का मालिक बन सकता है
उत्थित पद्मासन क्या है ?विधि, लाभ एवं सावधानियां-Hindi me yoga
Reviewed by Arvind
on
13 September
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