सिद्धासन योग क्या है ?
योगासन की दुनिया में सिद्धासन का बहुत बड़ा महत्त्व है। 84 लाख आसनों में सिद्धासन को सबसे सर्वेश्रेष्ट आसन में रखा गया है। यह आसान आपको मोक्ष प्राप्ति की ओर ले जाता है।
इस आसन को निरंतर अभ्यास पूर्वक और सही तरीके से करने से मनुष्य के अंदर छुपी हुई अलौकिक शक्तियों का विकास होता है और मनुष्य एक सिद्ध पुरुष बन जाता है इसीलिए इस आसन की बहुत अधिक महानता है हमारे ऋषि मुनियों ने भी इस आसन को सर्वश्रेष्ठ आसन बताया है इसीलिए इस आसन को सिद्धासन कहा गया है
सिद्धासन योग कैसे करें ?
सिद्धासन को अगर सही विधि के साथ किया जाए तो इसके बहुत सारे फायदे हैं। जो आप लोगों को चकित कर सकते हैं यहां पर इसके सरल तरीके को बताया जा रहा है।
इस आसन को करते समय ध्यान रहे कि आपका मुंह उत्तर दिशा की ओर ना हो|
- सबसे पहले आप जमीन पर बैठ जाएं।
- बाएं पैर की एड़ी को गुदा से सटाकर रखें तथा दाएं पैर की एड़ी को अंडकोष के नीचे रखें।
- दोनों पैरों के पंजे जांघों एवं पिंडलियों के बीच होने चाहिए।
- हाथों को घुटनों के ऊपर रखें।
- ध्यान रहे इस योगाभ्यास के दौरान आपका पूरा शरीर एकदम सीधा होना चाहिए।
- अपनी दृष्टि को नाक की नोक पर केंद्रित करें।
- शुरुवाती दौड़ में इसको आप कुछ समय के लिए प्रैक्टिस करें लेकिन धीरे धीरे इसकी अवधि को बढ़ाएं और 10 मिनट तक लेकर जाएं।
सिद्धासन के लाभ
- ब्रह्मचर्य प्राप्ति में सहायक: इस आसन के अभ्यास से कामवासना समाप्त होने में मदद मिलती है और ब्रह्मचर्य प्राप्त करने में सहायता मिलती है।
- कुंडलिनी जागरण योग: यह आसन मानसिक ठहराव देते हुए सूक्ष्म्नाड़ी से प्राण का प्रवाह सुनिश्चित करता है तथा कुंडलिनी जागरण में सहायता करता है।
- नाड़ियों का शुद्धिकरण में: इस आसन का नियमित अभ्यास से शरीर की समस्त नाड़ियों का शुद्धिकरण होता है और पुरे शरीर में तरोताजगी आ जाती है। इस आसन के अभ्यास से 72 हजार नाड़ियों की अशुद्धियों को दूर किया जा सकता है।
- दिमाग को तेज करने के लिए: इस आसन का नियमित अभ्यास करने से दिमाग तेज होता है। इसलिए छात्र एवं छात्राओं के लिए यह एक उम्दा योगाभ्यास है।
- वीर्य की लिए लाभदायक: इस आसन से वीर्य की रक्षा होती है। जिनको स्वप्नदोष की शिकायत है उनको इस आसन का अभ्यास जरूर करनी चाहिए। और यौन से सम्बंधित रोगों को दूर करता है।
- पाचन के लिए लाभदायक: यह आपके जठराग्नि को तेज करता है, पाचन क्रिया को नियमित करने में सहायक है।
सिद्धासन योग सावधानी
° सिद्धासन को बलपूर्वक नहीं करनी चाहिए।
° यह आसन शांत एवं आराम भाव से करना चाहिए।
° अगर घुटने में दर्द हो तो कुछ समय के लिए इस आसन को करने से बचें।
° उनको भी इस आसन को नहीं करनी चाहिए जिन्हें कमर दर्द की शिकायत हो।
सिद्धासन योग क्या है ? विधि, लाभ और सावधानी-Hindi me
Reviewed by Arvind
on
13 September
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